जहां इतिहास बोलेगा और राष्ट्रवाद दिखेगा, PM मोदी करेंगे राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

भारत के वैचारिक राष्ट्रवाद को नई पीढ़ी तक पहुँचाने वाला लखनऊ का राष्ट्र प्रेरणा स्थल अब अपने भव्य उद्घाटन के लिए तैयार है।
25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक स्थल को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह स्थल डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय और श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी — राष्ट्रवाद की त्रिवेणी — को समर्पित है।

Museum Curation: History Meets Technology

प्रेरणा स्थल में बने अत्याधुनिक म्यूजियम ब्लॉक का क्यूरेशन कार्य पूरा हो चुका है, जिसे Pan Intelcom Company ने तैयार किया है।
करीब 98,000 वर्ग फुट में फैला यह म्यूजियम आने वाली पीढ़ियों के लिए National Consciousness Classroom की तरह होगा।

5 Galleries, 5 Courtyards और राष्ट्र की यात्रा

इस म्यूजियम को 2 Floors में डिज़ाइन किया गया है, जिसमें शामिल हैं:

  •  5 Thematic Galleries

  •  5 Open Courtyards

  •  12 Interpretation Walls

  •  VVIP Green Room

पहली गैलरी Orientation Room है, जहां AV और वीडियो के जरिए राष्ट्र नायकों की जीवन यात्रा दिखाई जाएगी। दूसरी गैलरी भारतीय जनसंघ के गठन और विकास को दर्शाती है।

तीन गैलरियां, तीन महापुरुष

म्यूजियम की तीसरी गैलरी – डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, चौथी गैलरी – पं. दीनदयाल उपाध्याय, पाँचवीं गैलरी – श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी।

इन गैलरियों में दुर्लभ फोटोज, अखबारों की कटिंग, Silicone Sculptures के ज़रिये उनके संघर्ष, विचार और प्रेरक प्रसंग जीवंत किए गए हैं।

भारत माता, दीपक और सुदर्शन चक्र

म्यूजियम के Courtyards इसकी आत्मा हैं। First Floor पर भारत माता की 10 फीट ऊँची प्रतिमा, साथ में दीवार पर “वंदे मातरम्” उत्कीर्ण, जनसंघ का प्रतीक दीपक, और सुदर्शन चक्र की भव्य प्रतिकृति यह सब मिलकर राष्ट्र चेतना को दृश्य रूप देते हैं।

Atal Ji की कविता और स्वतंत्रता संग्राम

12 Interpretation Walls पर Murals Relief आर्ट के ज़रिये भारत के स्वतंत्रता संग्राम और महापुरुषों की गाथा उकेरी गई है। एक वॉल पर अटल बिहारी बाजपेयी की राष्ट्रवाद से प्रेरित कविता की पंक्तियाँ लिखी गई हैं — जो शब्दों से ज़्यादा भाव जगाती हैं।

चौकस सटायर

जहां आज की पीढ़ी पूछती है — “History क्यों पढ़ें?” वहीं राष्ट्र प्रेरणा स्थल जवाब देता है — “क्योंकि यही Future की दिशा तय करती है।”

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